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अनमोल जीवन को त्यागने के लिएआत्महत्या एक बहुत बड़ा कदम होता है, जो व्यक्ति तब लेता है, जब वह पूरी तरह से हताश-निराश हो जाता है, जब उसे कहीं से कोई भी आशा की किरण नजर नहीं आती। इससे बचाव करने (Suicide Prevention Tips) के लिए World Suicide Prevention Day मनाया जाता है। पूरी दुनिया में हर साल 10 सितंबर को ये दिन मनाया जाता है।

हर साल करीब 7 लाख लोग आत्महत्या करके इस दुनिया को अलविदा कह देते हैं l यानी हर रोज करीब 1927 और हर घंटे करीब 80 लोग यानी हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति खुद जिंदगी की जगह मौत को चुनकर आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाता है। गंभीर बात यह भी है कि 21 लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं तो 1 व्यक्ति आत्महत्या करता है। यानी दुनियाभर में हर घंटे 80 लोग आत्महत्या करते हैं तो इसका मतलब है कि हर घंटे 1600 लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं। यही नहीं, इनसे भी कहीं ज्यादा लोगों के दिमाग में आत्महत्या के विचार आते रहे रहते हैं।

दुनिया की कुल असामान्य मृत्यु में से करीब 35 फीसदी असामान्य मृत्यु की वजह आत्महत्या होती है। यह भी गौरतलब है कि दुनियाभर में करीब 80 फीसदी आत्महत्या निम्न और मध्यम वर्ग वाले देशों में होती है। भारत में करीब 2 लाख लोग हर सालआत्महत्या से अपनी जीवनलीला समाप्त कर देते है।

यह स्थिति बहुत डराने वाली है। इससे पता चलता है कि आज के टाइम में लोगों में कितना ज्यादा मानसिक तनाव है।


सब आंकड़ों से इतर यह जरूरी है कि मरने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।

अनमोल जिंदगी की बजाय मौत की वजह क्षणिक और परिस्थितिवश होती है। तनाव, अकेलापन, आर्थिक या सामाजिक दबाव, धोखा या मानसिक स्वास्थ्य ये सभी जीवन में कुछ समय के लिए आते है, उस पल से कोई दूसरा बहुत आसानी बाहर निकाल सकता है। केवल पीड़ित की समस्या सुनने मात्र या थोड़ा सा भरोसा दिलाने से ही आत्महत्या करने वाला उबर सकता है। इस साल आत्म हत्या रोकथाम दिवस की थीम भी ‘चेंजिंग द नरेटिव ऑन सुसाइड’ यानी आत्म हत्या के बारे में सोच बदलने की है। अनमोल जीवन को त्यागने के लिएआत्महत्या एक बहुत बड़ा कदम होता है, जो व्यक्ति तब लेता है, जब वह पूरी तरह से हताश-निराश हो जाता है। उसे कहीं से कोई भी आशा की किरण नजर नहीं आती। इससे बचाव करने (Suicide Prevention Tips) के लिए World Suicide Prevention Day मनाया जाता है। पूरी दुनिया हर साल 10 सितंबर को ये दिन मनाया जाता है।


पीला रिबन क्या है!

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आत्म हत्या को मानव त्रासदी मानते हुए 2003 से हर साल 10 सितंबर को आत्महत्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने और आत्महत्या को रोकने के लिए ‘वर्ल्ड
सुसाइड प्राइवेंशन डे’ के रूप में मानने का फैसला किया। इस दिन पीला रिबन पहनकर यह संदेश दिया जाता है कि आत्महत्या का हमेशा एक बेहतरीन विकल्प मौजूद रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2024 से 2026 के लिए ‘चेंजिंग द नैरेटिव ऑन सुसाइड’ (Changing the Narrative on Suicide) थीम रखी है। यह एक संदेश है, जो आत्महत्या और इसकी वजहों के बारे में खुलकर बात करने के लिए लोगों को प्रेरित करता है। जिससे आत्महत्या के विकल्पों को तलाशने के लिए पर व्यक्ति को प्रेरित किया जा सके।


जीवन अनमोल तोहफा, इसे खत्म ना करें

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर राजस्थान के सवाई माधोपुर में जागरुकता रैली निकाली गयी। जनसंपर्क अधिकारी प्रियंका सैनी ने शाइनिंग टाइम्स को बताया कि रैली को जिले डिप्टी सीएमएचओ डॉ अनिल जैमिनी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर व जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर के छात्र छात्राओं ने फ्लेक्स, तख्तियों को हाथ मे लेकर मुख्य रास्तों से निकल कर आमजन को जागरूक किया गया। इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रुकमकेश मीना, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ गौरव चंद्रवंशी मौजूद रहे।

विभिन्न प्रकार के स्लोगन एवं बैनर के द्वारा आत्महत्या के बचाव एवं उपचार के बारे मे आमजन को जानकारी दी गई। साथ ही स्टाफ को आत्महत्या रोकथाम के लिए शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें हर्ष अग्रवाल प्रथम, निशा चौधरी द्वितीय, निशा पहाड़िया तृतीय रहे। सवाई माधोपुर के जिला नोडल अधिकारी ( एनएमएचपी) ने बताया कि जीवन कुदरत की बनाई सबसे अनमोल चीज है, इसके बावजूद इंसान इसे खत्म करने के बारे मे सोचता रहता है । उन्होंने बताया की हर साल मौत को गले लगाने वाले लाखों लोग कई कारणों से आत्महत्या करते हैं, पूरी दुनिया में होने वाले इन सुसाइड की वजह से न सिर्फ एक परिवार बल्कि एक समुदाय और पूरा देश प्रभावित होता है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में खुदकुशी करने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 15 से 29 होती है।

चौकाने वाली बात यह है कि आत्महत्या करने वाले 80% लोग शिक्षित व नौजवान(15-39 साल) होते है। आत्महत्या का प्रयास चाहे किसी भी कारण से की गई हो लेकिन परिवारजनों, दोस्तों व मनोचिकित्सक उपचार द्वारा रोका जा सकता है।


आत्महत्या के बचाव के उपाय

  •  मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लें|

  • अपने पास किसी बंदूक, चाकू या किसी खतरनाक हथियार या ड्रग आदि को ना रखें।

  • उन चीजों की तलाश करें जो आपको खुशी देती हैं, जैसे परिवार के साथ या जिन दोस्तों को आप पसंद करते हैं उनके साथ रहना।

  • जो आपके पास अच्छी चीजें करने को हैं अपना ध्यान उनपर केंद्रित करने की कोशिश करना।

  • सेल्फ-हेल्प ग्रुप में शामिल होकर उन लोगों के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं, जो इन समस्याओं को समझ सकते हैं।

  • लोगों से मदद मांगें और उनकी मदद करने की कोशिश करें, जिनको यहीं समस्या है।

  • परिवार से निसंकोच होकर सहारा लेवे।

  • शराब व मादक दवाओं का सेवन करने से बचे।

  • खुद अलगाव में रहने से बचें और जितना हो सके बाहरी दुनिया से जुड़े रहें।

  • नियमित व्यायाम करें।

  • संतुलित और स्वस्थ भोजन का सेवन करें।

  • 24 घंटे में लगातार 7-8 घंटे की नींद लेवे।


आत्महत्या से बचने के शॉर्ट टिप्स

दुनिया से रहो बेखबर

  • रहो मस्ती में, आग लगे बस्ती में।

  • करों वो जो दिल चाहे।

  • दुनिया का ठेका, मेरा ठेंगा।

आर्थिक सुरक्षा
उतने ही पांव फैलाओ, जितनी हो लंबी चादर।

भगवान का सहारा, पार लगा देगा नैया

  • चोंच दी है तो वो चुग्गा भी देगा।

  • ऊपरवाले के दरबार में देर है, अंधेर नहीं।

  • कर भला तो होगा भला।

धोखे से ट्रिगर मत हो 

  • मेरे साथ बुरा करने वाले का हिसाब ऊपर वाला लेगा।

  • नेकी कर दरिया में डाल।

  • खुद भला तो जग भला नहीं हो सकता है।

  • उसके करम वो भुगते।  

Author

  • Shalini Shisodia, Sub Editor, News Delhi

    शाइनिंग टाइम्स की उपसंपादक शालिनी शिसोदिया जानीमानी हीलर के रूप में पहचान रखती है। हमेशा खुश और एनर्जेटिक रहने की विधि में आप विशेषज्ञ है।

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शाइनिंग टाइम्स की उपसंपादक शालिनी शिसोदिया जानीमानी हीलर के रूप में पहचान रखती है। हमेशा खुश और एनर्जेटिक रहने की विधि में आप विशेषज्ञ है।