इस माह होने वाले जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव आम विधानसभा चुनावों की माफिक स्थानीय मुद्दों की बजाय राष्ट्रीय कलेवर लेते जा रहे है। जम्मू कश्मीर विशेषकर कश्मीर घाटी में चुनावी माहौल कमोबेश लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा गर्म महसूस हो रह है। कांग्रेस और उनके सहयोगी दल खासकर नेशनल कांफ्रेंस चुनावी सभाओं में स्थानीय मसलों की बजाय दिल्ली की मोदी सरकार को निशाना बनाने से नहीं चूक रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने अब तक का सबसे मुखर राष्ट्रीय बयान आज की अनंतनांग की चुनावी रैली में दिया। यह उनके लोकसभा चुनावों में भाजपा और मोदी सरकार पर दिए कमोबेश सभी वक्तव्यों से ज्यादा प्रखर और सीधा था।
खड़गे ने कहा, “कहां गए 400 पार वाले? वो (भाजपा) 240 सीट पर सिमट गए। अगर हमें (विपक्ष को) 20 सीटें और आ जातीं तो ये सारे लोग जेल में होते। ये लोग जेल में रहने के लायक हैं।…… वे झूठों के सरदार हैं। “
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 4 सितंबर को चुनावी रैली में जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की गर्मी में राष्ट्रीय तड़का लगाया था तभी से जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का नरेटीव स्थानीय से ज्यादा राष्ट्रीय बन गया। चुनाव में शामिल कांग्रेस, राष्ट्रीय कांफ्रेंस, भाजपा सहित कमोबेश सभी बड़े दल के चुनावी एजेंडे विकास, रोजगार, आतंकवाद जैसे स्थानीय मुद्दों से इतर राष्ट्रीय कलेवर लेने लगे। कश्मीरियत की तथाकथित छाया में हो रहे इस विधानसभा चुनाव में आम जनता की हालिया स्थिति से जुड़े मसले गौण होते जा रहे है।
राहुल गांधी ने 4 सितंबर को अनंतनाग की चुनावी रैली में भाजपा के कोर मुद्दे जम्मू कश्मीर के स्वरूप को बदलने पर हमला किया।
राहुल ने कहा, “1947 में हमने राजाओं को हटाकर लोकतांत्रिक सरकार बनाई। आज जम्मू कश्मीर में राजा बैठा है। उसका नाम एलजी है।”
नरेंद्र मोदी पर अबतक का सबसे तीखा निजी हमला राहुल ने इसी सभा में किया। राहुल ने कहा, “पीएम मोदी पहले छाती फैलाकर चलते थे। अब वे कंधे झुकाकर आते हैं। इस बार संसद में सिर पर संविधान रखकर घुसे।”
मुखर होकर राहुल ने बोला, “हमने मोदी को साइकोलॉजिकली उड़ा दिया है। उनका कॉन्फिडेंस गायब हो गया है। नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान की जनता से डरते हैं। अब हम इन्हें सरकार से भी हटा देंगे।”
नरेंद्र मोदी के हनुमान माने जाने वाले अमित शाह को भी घेरते हुए राहुल ने बयान दिया, “अमित शाह के बेटे हैं, कभी बैट नहीं उठाया वो क्रिकेट के इंचार्ज बन गए। 6 या 7 लोग देश चला रहे हैं और सोचते हैं देश की जनता चुप रहेगी। लेकिन मोदी में अब दम नहीं रहा, जो विपक्ष चाहता है वही करते हैं। आजकल विपक्ष ही सरकार चला रहा है।”
अलबत्ता राहुल गांधी अपने सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस के धारा 370 की वापसी के एजेंडे से सावधानीपूर्वक दूरी बनाने रखी लेकिन जम्मू कश्मीर को स्टेट हुद वापस दिलाने का दावा और वादा कर राष्ट्रीय राजनीति को विधानसभा चुनाव में भी छुआ।
राहुल ने कहा, “पहले केंद्र शासित प्रदेश को राज्य बनाते थे। मोदी जी राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश बना रहे हैं। ….मैं गारंटी देता हूं स्टेटहुड जम्मू कश्मीर को मिलेगा। । या ये (मोदी सरकार) स्टेटहुड देंगे, नहीं तो अगली सरकार दिल्ली में इंडिया गठबंधन की आएगी तो वो आपको स्टेटहुड देगी।”
6 सितंबर को जम्मू कश्मीर के लिए भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए अमित शाह ने राहुल गांधी और कांग्रेस की नीति को राष्ट्रीय रूप से एक्सपोज करने का प्रयास किया।
अमित शाह ने कहा, “क्या कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस के उस एजेंडे के साथ सहमति जताई है, जिसमें धारा 370 फिर से लाने की बात कही गई है। राहुल इस पर कुछ नहीं कहेंगे। क्या देश में दो झंडे हो सकते है। राहुल गांधी को इस पर अपनी बात रखनी चाहिए ।”
7 सितंबर को पालोरा में चुनावी सभा में राहुल गांधी को क्लीन स्वीप करने का जतन करते हुए हुआ शाह ने कहा, “मैं अब्दुल्ला साहब और राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि आप जम्मू-कश्मीर को स्टेट का दर्जा कैसे वापस देंगे? आप जनता को मूर्ख बना रहे हो। मैने खुद सदन में कहा कि चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर का स्टेट का दर्जा देंगे। जो चीज हमने दे दी वो चीज आप ( नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस) मांग रहे है। लोगों को मुर्ख बना रहे है।”
कांग्रेस के चुनावी सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने चुनावी माहौल के बीच देश के राष्ट्रीय नजरिए को छुआ।
पाकिस्तान से भारत का दर्जा हमेशा उच्च रखने के आम दृष्टिकोण के विपरीत अब्दुल्ला ने कहा, “याद रखें, पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं। उनके पास परमाणु बम हैं और दुर्भाग्य से वो हम पर गिरेंगे।”
कांग्रेस से इतर धारा 370 को पार्टी का कोर चुनावी एजेडा बनाते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू कश्मीर के लोग केंद्र के गुलाम नहीं है, बल्कि अपनी जमीन के असली मालिक है।….राज्य में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल किया जाएगा, भले इसमें कई साल लग जाएं। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज है। उन्हें (भाजपा को) इसे रद्द करने में कितने साल लगे? हमें इसे बहाल करने में कई साल लग सकते हैं, लेकिन हम इसे निश्चित रूप से बहाल करेंगे। यह पूरे जम्मू-कश्मीर की आवाज है, यह लोगों की आवाज है।”
अलबत्ता फारूक ने अपने सहयोगी कांग्रेस को धारा 370 की बहाली पर साथ नहीं देने पर क्लीनचिट देते हुए कहा, ”उन्हें सारे वतन की तरफ देखना पड़ता है। वो क्या सोचते हैं, ये उनकी बात है। ये तो हमारा मुद्दा है।”